दो इंजन्स का इस्तेमाल कैसे?
- एक इंजन ट्रेन के आगे जबकि दूसरा आखिर में लगाया जाएगा। पीछे वाला इंजन ट्रेन को एक्स्ट्रा पुश और पुल देगा। इसके न सिर्फ ट्रेन स्टॉप के बाद तेजी से रफ्तार पकड़ सकेगी बल्कि सेक्शन के मुताबिक स्पीड मैंटेन भी कर सकेगी।
- प्रभु कम खर्च या मौजूद ऑप्शंस का ही इस्तेमाल करके ट्रेनों की स्पीड बढ़ाना चाहते हैं।
- रेलवे के सूत्रों का कहना है कि हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस का टाइम दो घंटे कम किया जा सकता है।
- पुश एंड पुल का ट्रायल अजमेर-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में किया गया था। ये पूरी तरह कामयाब रहा है। ट्रेन तय वक्त से 40 मिनट पहले डेस्टिनेशन पर पहुंची। अब इसका दायरा बढ़ाए जाने की तैयारी है।
- प्रभु कम खर्च या मौजूद ऑप्शंस का ही इस्तेमाल करके ट्रेनों की स्पीड बढ़ाना चाहते हैं।
- रेलवे के सूत्रों का कहना है कि हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस का टाइम दो घंटे कम किया जा सकता है।
- पुश एंड पुल का ट्रायल अजमेर-दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में किया गया था। ये पूरी तरह कामयाब रहा है। ट्रेन तय वक्त से 40 मिनट पहले डेस्टिनेशन पर पहुंची। अब इसका दायरा बढ़ाए जाने की तैयारी है।
ऐसे बचेगा वक्त
- ट्रेन को किसी स्टेशन के करीब आने पर स्पीड धीरे-धीरे कम करनी पड़ती है। स्टॉप के बाद भी धीरे-धीरे ही ट्रेन रफ्तार पकड़ती है।
- दो इंजन लगने से यह वक्त काफी कम हो जाएगा। वजह ये है कि दो इंजन एक साथ ट्रेन को स्लो डाउन करेंगे और एक साथ ही रफ्तार भी देंगे।
- एक और बात नई होगी। इन ट्रेनों में लगने वाले दो ‘पावर कार्स’ को हटा दिया जाएगा। बता दें कि पावर कार्स के जरिए ही पूरी ट्रेन में इलेक्ट्रिक सप्लाइ को मैनेज किया जाता है।
- अब यह काम दोनों इंजन के जरिए किया जाएगा। यानी ट्रेन पर लोड कम हो जाएगा। पावर कार्स की जगह रेलवे दो कोच बढ़ाएगी।
- दो इंजन लगने से यह वक्त काफी कम हो जाएगा। वजह ये है कि दो इंजन एक साथ ट्रेन को स्लो डाउन करेंगे और एक साथ ही रफ्तार भी देंगे।
- एक और बात नई होगी। इन ट्रेनों में लगने वाले दो ‘पावर कार्स’ को हटा दिया जाएगा। बता दें कि पावर कार्स के जरिए ही पूरी ट्रेन में इलेक्ट्रिक सप्लाइ को मैनेज किया जाता है।
- अब यह काम दोनों इंजन के जरिए किया जाएगा। यानी ट्रेन पर लोड कम हो जाएगा। पावर कार्स की जगह रेलवे दो कोच बढ़ाएगी।
रेल बजट में प्रभु ने किया था एलान,2020 तक 95% ट्रेनें राइट टाइम चलेंगी
- ट्रेनों की एवरेज स्पीड 80KM/hrs करने की कोशिश होगी।
- मिशन रफ्तार के तहत मालगाड़ियों की स्पीड भी बढ़ाई जाएगी।
-अभी रेलवे की पंक्चुअलिटी 78% है। जो यूपीए सरकार के दौर से 1% कम है।
- मिशन रफ्तार के तहत मालगाड़ियों की स्पीड भी बढ़ाई जाएगी।
-अभी रेलवे की पंक्चुअलिटी 78% है। जो यूपीए सरकार के दौर से 1% कम है।
भारत में अभी किस ट्रेन को सबसे तेज माना जाता है?
- रेलवे की सबसे तेज ट्रेन अभी दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस मानी जाती है।
- दावा है कि दिल्ली से आगरा तक इस ट्रेन को मैक्सिमम 120 किमी/घंटा की रफ्तार से चलाया जाता है। इसे बढ़ाकर 150 किमी/घंटा करने की प्लानिंग है।
- रेलवे अभी 54 शताब्दी और 70 राजधानी एक्सप्रेस चला रही है
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