इस केन्द्र पर बीपीएल मरीजों को नि:शुल्क सुविधा मिलेगी। केन्द्र के लिए महिला चिकित्सालय के डॉ.राकेश खूंटेटा को नोडल ऑफिसर व जनाना अस्पताल की पूर्व अधीक्षक डॉ.आदर्श भार्गव को सलाहकार नियुक्त किया गया है। प्रदेश में सरकारी स्तर पर परखनली शिशु तकनीक का यह पहला केन्द्र होगा। डॉ.भार्गव ने ही वर्ष 07 में इसे शुरू करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था। इस केन्द्र पर करीब एक करोड रूपए की लागत आने का अनुमान है।
यह है तकनीक
परखनली शिशु तकनीक में हार्मोन्स के माध्यम से महिला मरीज के एक से अधिक अंडों का विकास किया जाता है और इनके परिपक्व होने पर बारीक सूई से उन्हें बाहर निकाल लिया जाता है। उसके पति के शुक्राणुओं व विकसित किए गए अंडाणुओं के समागम से भ्रूण तैयार किए जाते हैं।
इसके बाद गर्भाशय के लिए दवाई दी जाती है ताकि वह गर्भाधान के लिए तैयार हो सके। इसके बाद इस भ्रूण कोे महिला के गर्भ में स्थानान्तरित कर दिया जाता है। प्राकृतिक रूप से एक महिला के फैलोपिन ट्यूब का कार्य परखनली (टेस्ट ट्यूब) के माध्यम से किया जाता है।
यह होगा फायदा
केन्द्र में बीपीएल मरीजों का नि:शुल्क उपचार होगा। उनके खर्चे की पूर्ति मेडिकल रिलीफ सोसायटी से की जाएगी। साथ ही सोसायटी में ही केन्द्र की आय जमा होगी। इसके अलावा अन्य दंपतियों को इस तकनीक का फायदा निजी केन्द्रों के मुकाबले काफी कम खर्चे में ही मिल जाएगा।
संभवत: इसी सप्ताह परखनली शिशु तकनीक केन्द्र को शुरू कर दिया जाएगा। इस तकनीक से गरीब निसंतान दंपतियों को काफी राहत मिलेगी।
डॉ.अशोक पानगडिया, प्राचार्य, एसएमएस कॉलेजk
गुर्दा प्रत्यारोपण भी जल्द
प्रदेश के सबसे बडे सवाई मानसिंह अस्पताल में जल्दी ही गुर्दा प्रत्यारोपण सेवाएं शुरू हो जाएंगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसके लिए 70 लाख रूपए से अधिक की राशि स्वीकृत की है। यह राशि अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग में गुर्दा प्रत्यारोपण की सेवाओं के लिए आवश्यक उपकरण, दवाइयों तथा डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ के 11 नए पदों पर खर्च की जाएगी।
धनवंतरी भवन में 12 ऑपरेशन थिएटर के उपकरणों की खरीद के लिए 446 लाख रूपए और 32 बैड की क्रिटिकल केयर यूनिट व इमरजेंसी में 24 डॉक्टरों व 50 संविदा नर्सिüग कर्मचारियों के नए पदों के लिए 49.95 लाख रूपए भी जारी किए गए हैं।
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