Tuesday, June 2, 2020

COVID-19: कोरोना से जंग में ऐसे लिखी गई भीलवाड़ा मॉडल की पटकथा, ये 4 कदम रहे अहम




भीलवाड़ा. कोरोना (COVID-19) संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता की राह पर बढ़ते जा रहे भीलवाड़ा (Bhilwara) ने इसके लिए 4 अलग-अलग मोर्चों पर लड़ाई लड़ी है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम में देशभर रोल मॉडल के रूप में उभर रहे भीलवाड़ा में इसके लिए प्रशासन ने एकजुट होकर हर वो कदम उठाया जो इसकी चेन का ब्रेक कर सके. भीलवाड़ा के लीडर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने इसके लिए सभी संसाधनों का बेहतर उपयोग कर टीम भावना से कार्य करते हुए देश में कोरोना के हॉटस्पॉट बनने जा रहे इस शहर में 
ये चार कदम रहे अहम 
      
कोरोना को फैलने से रोकने के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम रहा कर्फ्यू लगाकर लोगों को घरों में रोकना. इसके लिए प्रशासन ने जिले की सीमाएं सील की. इसके जरिये राज्य के अन्य जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश के नीमच को भी सुरक्षित रखा. दूसराअहम कदम रहा जिला अस्पताल में प्रदेश की राजधानी जयपुर के स्तर की इलाज की व्यवस्था मुहैया कराना. तीसरा कदम दवाओं की सप्लाई चेन को मेंटेन करना और चौथे कदम के तौर पर दिहाड़ी मजदूरों के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए खाद्य सामग्री की समुचित सप्लाई की व्यवस्था करना. भीलवाड़ा प्रशासन ने ये 4 कदम उठाकर कोरोना के कदम थाम दिए और आधी लड़ाई जीत ली. उसके बाद घर घर किए गए सर्वे और डेटा सकंलन के साथ लगातार बरती जा रही एहतियात से अब वह धीरे-धीरे अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है.

ये टीम रही अग्रिम मोर्चे
 इन चारों मोर्चों पर जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़, सीएमएचओ डॉ. मुस्ताक खान, पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन राकेश कुमार और नगर विकास न्यास के सचिव नितेंद्रपाल सिंह ने अपने जिले के सेनापति राजेंद्र भट्ट को कभी शिकायत का मौका नहीं दिया. इस टीम की मेहनत का ही यह परिणाम है कि भीलवाड़ा कोरोना की जंग में देश में रोल मॉडल बनने की ओर अग्रसर है. एक दिन पहले ही रविवार को भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा ने भी भीलवाड़ा के प्रयासों को सराहते हुए राज्यों के मुख्य सचिवों की वीसी में अन्य जिलों को भी यह मॉडलनाने की सलाह दी
एक निजी अस्पताल से हुई थी संक्रमण की शुरुआत

भीलवाड़ा में मिले सभी 27 पॉजिटिव मरीज शहर के बांगड़ हॉस्पिटल से ही संबंधित थे. यानी इस संक्रमण का केन्द्र एक निजी अस्पताल ही था, लेकिन इसे ग्रामीण क्षेत्रों और पड़ोसी जिलों में रोकना बेहद जरूरी था. बांगड़ अस्पताल में इलाज करवाने आए लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान करना बेहद कठिन काम था. लेकिन जिला कलेक्टर ने गांव के स्तर पर सर्वे के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन राकेश कुमार को यह कमान सौंपी. महज 7 दिन में जिले में 22 लाख से अधिक लोगों का सर्वे कर


6 हजार कर्मचारियों ने एक साथ फील्ड में झौंकी ताकत



        
उल्लेखनी  एक डॉक्टर में कोराना संक्रमण की पुष्टि के साथ ही भीलवाड़ा शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. यही इस लड़ाई के लिए मील का पत्थर साबित हुआ. उसके बाद सर्वे के काम में न केवल चिकित्सा विभाग बल्कि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास, शिक्षा और कृषि विभाग तीन तीन कर्मचारियों की टीम बनाकर 1948 टीमों के माध्यम से 6 हजार कर्मचारियों ने एक साथ अपनी ताकत फील्ड में झौंककर पूरा डेटा तैयार किया. वहीं कोरोना के संदिग्ध मरीजों को शहर की 20 से अधिक होटलों और रिसॉर्ट में लाकर क्‍वारंटाइन किया गया. लिया गया जिससे जिले की स्पष्ट तस्वीर उभर कर सामने आ गई.

Friday, May 29, 2020

मुसीबत / कोरोना की आशंका में बेटे को क्वारैंटाइन किया था, सदमे से पिता की मौत...रिपोर्ट निगेटिव आई

भीलवाड़ा. ओझियाणा के रैगर परिवार काे काेराेना ने ऐसा दर्द दिया जाे परिजन जिंदगीभर नहीं भुला पाएंगे। बेटे काे काेराेना संक्रमण की आशंका पर क्वारेंटाइन कर दिया। सदमे में आए पिता की तीसरे ही दिन माैत हाे गई। बेटा अर्थी काे कांधा तक नहीं दे सका। उसे सीधे श्मशान ले गए जहां मुखाग्नि दिलाकर आधे घंटे बाद वापस सेंटर ले अाया गया। इस बेटा गांव की एक बीमार महिला काे अपनी वैन से अस्पताल ले गया था। इस महिला की रिपाेर्ट बाद में काेराेना पाॅजिटिव आई थी।  

इस गांव की महिला में 24 मई काे अजमेर के अस्पताल में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। प्रशासन ने उसी दिन उसके करीबी संपर्क वाले 13 जनों को क्वारेंटाइन किया था। इनमें ड्राइवर लक्ष्मणलाल रैगर भी है। उसके पिता 50 वर्षीय मोहनलाल की मंगलवार काे माैत हाे गई। लक्ष्मण काे 24 मई काे क्वारेंटाइन सेंटर ले जाते समय माेहन राेने लगा था। काेराेना का खाैफ उसमें इतना था कि लक्ष्मण के अब कभी नहीं लाैटने की कहते हुए जब-तब सुबक पड़ता। मोहनलाल मंगलवार सुबह घर पर ही पत्थर की चारदीवारी बना रहा था। उसे कभी काेई बीमारी नहीं थी। लेकिन उस दिन 11 बजे के करीब अचानक तबीयत बिगड़ गई। क्वारेंटाइन सेंटर पर बेटे लक्ष्मण काे फोन पर िपता के अचेत हाेने की सूचना मिली। 

लक्ष्मण ने सेंटर पर अधिकारियाें काे बताया लेकिन काेराेना संदिग्ध हाेने की आशंका पर उसे ले जाने की अनुमति नहीं मिली। परिवार के अन्य लाेग निजी वाहन से बीमार माेहन काे ब्यावर ले जा रहे थे कि रास्ते मे दम निकल गया। दाहसंस्कार में प्रशासन की कस्टडी में सेंटर से लक्ष्मणलाल को सीधे श्मशान घाट लाया गया। वह कांधा नहीं दे सका। तीन अन्य भाइयाें के साथ उसने मुखाग्नि दी। 

कुछ दूर बैठाकर पिता के अंतिम दर्शन करवाए और वापस सेंटर लेकर आ गए। इधर, बुधवार को लक्ष्मणलाल की जांच रिपाेर्ट अाई जाे निगेटिव है। उसे घर भेज दिया गया। संक्रमण की आशंका मात्र से लक्ष्मणलाल अपने पिता को कांधा व मुखाग्नि नहीं दे सका। क्वारेंटाइन सेंटर के मेडिकल प्रभारी डाॅ. अरुण दिवाकर ने बताया कि पिता के बीमार हाेने की सूचना पर हमने भीलवाड़ा सूचना भिजवाई थी। कहा था कि लक्ष्मण की जांच रिपाेर्ट आ जाए ताे काेई निर्णय लें लेकिन रिपाेर्ट नहीं आई। बुधवार काे रिपाेर्ट आने पर लक्ष्मण काे घर भिजवा दिया। 

पिता-ने-बच्चे-को-कुएं-में-फेंका,-बचाने-के-लिए-मां-कूदी,-लेकिन-बचा-नहीं-पाई

भीलवाड़ा में एक व्यक्ति ने अपने डेढ़ साल के बच्चे को कुएं में फेंक दिया। मां उसे बचाने के लिए कुएं में कूदी, लेकिन बचा नहीं पाई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जानकारी के मुताबिक, फूलियाकलां थाना क्षेत्र के सांगरिया गांव में जगदीश नाम के एक व्यक्ति ने इस घटना को अंजाम दिया है। परिवार में पत्नी, दो छोटी लड़कियां और सबसे छोटा यह डेढ़ साल का बच्चा था। नशे की लत ने जगदीश को आदतन अपराधी बना दिया और इसके चलते इस परिवार में रोज झगड़ा होने लगा। जगदीश आए दिन अपनी पत्नी से मारपीट करने लगा।

नशे की लत को पूरा करने के लिए उसने गांव के कई साहूकारों से हजारों रुपये की उधारी भी कर ली। 21 मई को वह और उसकी पत्नी रामघणी खेत पर काम कर रहे थे। इसी दौरान एक लाख रुपये के कर्ज को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया। जगदीश पत्नी पर किसी के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने का दबाव डाल रहा था। इस झगड़े के दौरान ही जगदीश ने पालने में सो रहे 18 महीने के प्रिंस को कुएं में फेंक दिया। रामघणी बच्चे को बचाने कुएं में कूदी, लेकिन प्रिंस की जान नहीं बचा पाई। इस घटना के बाद महिला का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। इस घटना की दूरदराज के गांवों में भी चर्चा है। हर कोई आरोपित को कोस रहा है। इधर, घटना के बाद से आरोपित फरार है।

पति की यातनाओं की शिकार पत्नी ने जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष पेश होकर इस मामले की लिखित में शिकायत दी है। पत्र में पीड़ित मां ने बच्चे की हत्या करने वाले पति सहित पति के कुछ रिश्तेदारों के खिलाफ मारपीट करने की शिकायत भी की है। इसके अलावा थाने में सुनवाई नहीं होने की बात भी कही है।

धन का नशा

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एक छोटा सा 5 साल का बच्चा रमेश दोस्तों के साथ खेल रहा था। खेलते – खेलते रमेश विरोधी दल पर भारी पड़ रहा था। तभी अचानक दोनों दल में कहासुनी हो गई , दूसरे दल का एक बड़ा लड़का रमेश से लड़ने लगा और काफी समय झगड़ा चलने के बाद बड़ा लड़का कहता है – ‘ नौकर है , नौकर की तरह रह। ‘

इस पर रमेश कुछ असहज और घबरा जाता है , यह बात उसके दिमाग में गूंजने  लगती है , इस शब्द को वह कभी भुला नहीं पाया।
बड़ा होकर रमेश  ने एक बड़ी कंपनी में नौकरी पाई , अब वह नौकर नहीं बल्कि मालिक था।

उसके साथ कई छोटे-बड़े कार्य करने वाले लोगों का हुजूम था।

एक दिन जब वह लिफ्ट से नीचे उतरा तो दिखता है एक पढ़ी-लिखी महिला जो अभी बड़ी गाड़ी से उतरी है , वह सुरक्षा में तैनात महिला गार्ड को अपशब्द और गाली गलौज कर रही है। महिला गार्ड अपनी सफाई देने का प्रयास कर रही है , किंतु इसका प्रभाव धन के नशे में डूबे महिला पर नहीं पड़ रहा है। तभी रमेश की आंख महिला गार्ड के साथ खड़े लड़के पर पड़ती है , जो मां के पीछे डरा सहमा खड़ा है।

उस लड़के को देखकर बचपन की याद आ जाती है जब खेल में किसी ने यह कहा था  – ‘ नौकर का लड़का है , नौकर बनकर रह।  महसूस हुआ शर्मिंदगी किसे कहते हैं।

अचानक वह सारा दृश्य  आंखों के सामने आ गया और आंखें अचानक नम हो गई।

Thursday, May 28, 2020

Covid 19 Vaccine: पीएम मोदी ने की कोरोना टीका विकसित करने में भारत के प्रयासों की समीक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने, औषधि खोज, रोग-निदान और परीक्षण में भारत के प्रयासों की मौजूदा स्थिति की मंगलवार को समीक्षा की। मोदी ने कोरोना वायरस टीका विकास पर एक कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता की।

आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई समीक्षा में शैक्षिक समुदाय, उद्योग और सरकार के असाधारण रूप से साथ आने का संज्ञान लिया गया। मोदी ने महसूस किया कि इस तरह का समन्वय और गति मानक संचालन प्रक्रिया में सन्निहित होनी चाहिए।
बयान में कहा गया कि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संकट में जो संभव है, वह वैज्ञानिक कार्यप्रणाली की हमारी नियमित शैली का हिस्सा होना चाहिए। बैठक के बाद ये बताया गया कि देश में कोरोना की 30 टीकों को तैयार करने का काम अलग-अलग स्तर पर है। इनमें से कुछ का ट्रायल भी शुरू होने वाला है।

बयान में कहा गया कि पीएम ने दवा विकास के लिए उठाए जा रहे तीन दृष्टिकोणों पर भी गौर किया। जिसमें पहला अभी मौजूद दवाओं के इस्तेमाल की संभावनाएं खोजना। इस तरह की चार दवाओं की जांच की जा रही है। दूसरा नई दवाओं और मॉलिक्यूल को तैयार करना। वहीं, तीसरे दृष्टिकोण के रूप में पौधों के अर्क और उत्पादों में सामान्य एंटी-वायरल गुणों की संभावनाएं तलाश करना शामिल है।  

प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतुष्टि व्यक्त की कि शैक्षिक विभागों से जुड़े लोगों, उद्योगों और सरकार के प्रयास के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी तेजी और तालमेल रोजमर्रा के काम में भी होना चाहिए। संकट की इस घड़ी में, क्या संभव हो सकता है, यह हमारे वैज्ञानिकों के नियमित काम का अभिन्न अंग होना चाहिए। 

पीएम मोदी ने कोरोना के टीके के विकास में कंप्यूटर साइंस, रसायन, बायोटेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों के एक साथ आकर काम करने की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बेसिक से एप्लाइड साइंस तक के वैज्ञानिक जिस तरह इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। यह अच्छी बात है। हमें इसी तरह आगे बढ़ना चाहिए।




Wednesday, May 27, 2020

Covid-19 के बढ़ते संक्रमण का राज्यवार ब्योरा, जानिए किस सूबे में कितने संक्रमित

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए दुनियाभर के अधिकांश देशों ने लॉकडाउन लागू किया था। इसके बावजूद यह महामारी दिन-ब-दिन अपने पैर पसार रही है। भारत में भी इस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू किया गया है। पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू, फिर तीन चरणों में लॉकडाउन।

अब लॉकडाउन को कुछ रियायतों के साथ 31 मई 2020 तक के लिए बढ़ाया गया है। हालांकि इससे संक्रमण के मामलों में कमी नहीं आई है। देश में मजदूरों के लिए श्रमिक एक्सप्रेस और अन्य नागरिकों के लिए विशेष रेलगड़ियां चलाई गईं हैं। एक जून 2020 से सामान्य ट्रेन सेवा भी शुरू की जा रही है। दूसरी ओर घरेलू विमानन सेवाएं भी शुरू की जा रही हैं।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरी दुनिया में एक ही बात कही जा रही है और वो है लॉकडाउन तथा सोशल डिस्टेंसिंग। इसे बचाव का सबसे उपयुक्त विकल्प बताया है। किस राज्य में कितने संक्रमित मरीज हैं यह जानने के लिए नीचे दी गई सूची देखें।

STATE NAME: 
Andaman and Nicobar
TOTAL CONFIRMED: 
33
CURED/ DISCHARGED/ MIGRATED: 
33
DEATH: 
0
Himachal Pradesh
247
67
5
Jammu and Kashmir
1759
833
24
Tamil Nadu
17728
9342
127

Cyrus Mistry dies in road accident

  Cyrus Mistry's death due to a road accident has shocked the entire nation. The former Chairman of Tata Groups, 54 year old Mistry died...